ये कौन सा निजता का अधिकार ! - समझाविश बाबू
मेरे द्वारा पूर्व में एक गंभीर विषय उठाने का प्रयास किया गया था जो फेसबुक,ट्विटर,व्हाट्स अप पर नियम क्यों न लागू हो इससे सम्बंधित था,इस विषय को हम सभी को बहुत ही ही गंभीरता से लेने की जरुरत है,क्यूंकि फेसबुक,ट्विटर,व्हाट्स अप छोटे उम्र से लेकर बड़ी उम्र के लोग तक चलाते हैं,आज लोगों से संपर्क और बातचीत का एक सशक्त माध्यम बन गया है,संदेशों के आदान-प्रदान का इससे बेहतर विकल्प कोई नहीं है और अपने मंतव्य को सार्वजनिक प्लेटफार्म पर रखने का भी ये एक बेहतर विकल्प बन गया है,सुबह के नमस्कार से लेकर रात्रि के नमस्कार तक की औपचारिकता इसी से पूरा होता है,
इसी लिए ज्यादातर लोग स्मार्ट और एंड्रायड फोन रख रहे हैं,चलिए ये एक अच्छी बात है और ज़माने के साथ चलना आवश्यक है पर क्या इसके साथ इसी प्लेटफार्म पर बेहद ही फूहड़ तरीके से अश्लीलता परोसना कहाँ तक जायज है,आजकल इस चीज की भरमार होती जा रही है और इसके द्वारा न केवल भोले-भाले लोग बल्कि समझदार की श्रेणी में आने वाले लोग भी ब्लैकमेलिंग के शिकार हो रहे हैं,लेकिन कोई कार्यवाही किसी भी स्तर से नहीं हो पा रही है।ये अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे इस कृत्य को करने वाले लोगों का मनोबल दूने उत्साह से बढ़ रहा है जो किसी भी दशा में साफ़-सुथरे समाज के लिए किसी भी दृष्टि से बेहतर नहीं होगा।यहाँ कुछलोग ये कह सकते हैं कि आप इस चीज को देखते ही क्यों हैं तो यहाँ मनुष्य कि एक मनोवृत्ति को समझना आवश्यक है,कोई कितना भी बड़ा आदर्शवाद बखान करे लेकिन मन ही मन सब बेकरार रहते हैं इन चीजों की तरफ भले दूसरे को नैतिकता का पाठ पढ़ाते रहें,बात भी सही है किसी व्यक्ति के सामने हर तरह का व्यंजन रख दिया जाए और कहा जाए कुछ मत चखो,ये सभी के साथ संभव नहीं हो सकता है,यहाँ सबसे बड़ा प्रश्न यही है की इतनी गन्दी अश्लीलता और फूहड़ता सार्वजनिक प्लेटफार्म पर परोसने की इजाजत कैसे दी जा सकती है,फर्जी फोटो फर्जी आई डी लगाकर आकर्षक और खूबसूरत चेहरा लगाकर लोगों को विवश करना और फिर चैटिंग कर ब्लैकमेल करना ये किस नियम के तहत आता है,ये इतनी शातिर होते हैं या होती हैं क्यों कि आवाज तो लड़की कि रहती है लेकिन मुझे पूर्ण विश्वास है कि मास्टरमाइंड कोई पुरुष ही रहता होगा जो परदे के पीछे से इसको शातिराना ढंग से चलता होगा।फेसबुक पर जो ग्रुप ज्वाइन करने का आमंत्रण दिया जाता है वो भी कुछ विचित्र ही होता है और अश्लीलता से भरा पड़ा होता है,जैसे कि ''तलाकशुदा महिला का ग्रुप '' ,''लड़की पटाने का ग्रुप '',''अंकिता सिंह से दोस्ती करोगे ''इसके साथ एक स्लोगन चल रहा होता है कि माँ बनाओ दो लाख ले जाओ पति भी राजी '',ये सब क्या है,ऐसी चीजों की फेसबुक पर भरमार है,उसके भीतर जाइए तो अश्लील तस्वीरें और वाक्यों की भरमार होती है,ये सब इसलिए है कि कहीं से भी कोई रोक-टोक है ही नहीं जो जैसा चाहे करे,मेरी समझ से जब इस तरह कि निर्द्वन्द शातिरपना करने कि छूट होगी तो कौन नहीं शॉर्टकट से अमीर बनना चाहेगा,इसमें मेहनत तो कुछ करना नहीं है अश्लीलता और नंगी तस्वीरों का प्रदर्शन तथा न्यूड वीडियो कॉलिंग का तरीका अपनाकर लोगों को ब्लैकमेल करना है और लाखों रुपया प्रतिदिन कमाना है,इसमें मोबाइल और लैपटॉप तथा नेट की सुविधा के अलावा और कुछ नहीं चाहिए,एहि इनका केवल असेट है,बीएस इसके सहारे अगर महीने में ४० से ५० लाख रुपया पैदा हो जाए और कानूनी रूप से कोई खतरा भी उत्पन्न होने का डर न हो तो फिर क्या कहने,क्यूंकि ६० से ७० प्रतिशत लोग जो इसके शिकार होते हैं वो कम्प्लेन ही नहीं करते और जो ३० प्रतिशत लोग करते भी हैं तो ज्यादतर पुलिस विभाग फेक आई डी बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं,जब की व्हाट्स अप नम्बर जो यूज़ किया जा रहा है उससे लोकेशन ट्रेस कर के पकड़ने का प्रयास करना चाहिए,ये बहुत ही आवश्यक है।
आज बहुत ही आवश्यक है इस चीज पर ठोस कार्यवाही करने का क्यूंकि अभी ये जो बिमारी धीरे-धीरे बढ़ रही है बाद में ये लाइलाज हो जायेगी और कैंसर की तरह समझ को जकड लेगी।समय आ गया है की इस तरह के क्राइम को अलग तरह से परिभाषित करने को बल्कि सजा की मियाद सात साल से ऊपर रखने को जिससे की इन्हे गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जा सके,आज इसको अत्यंत हलके में लेने की जरुरत नहीं है।हम सबका दायित्व भी है की इसके प्रति सभी को जागरूक और सजग किया जाए,उन्हें सचेत किया जाए की इस तरह के जाल में न फंसें और यदि उनके साथ ऐसी घटना घाट भी जाए तो सारा शर्म और झिजक छोड़ कर पुलिस में शिकायत अवश्य करें और अपराध करने वालों को पकड़वाने का प्रयास करें।मेरा आप सभी से अनुरोध है की इसको अपने परचितों को भी फारवर्ड करें जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इसे समझ और जान सकें, धन्यवाद।



Bahut Sahi
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