१५ अगस्त - स्वतंत्रता दिवस का सन्देश - (समझाविश बाबू)
आज हमारा सम्पूर्ण देश ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व जहाँ - जहाँ भारतीय निवास करते हैं सभी जगह बहुत ही हर्षोल्लास के साथ इसे मनाया जा रहा होगा। ये एक ऐसा राष्ट्रीय पर्व है जो सभी परंपरागत त्योहारों से ऊपर हैं। आज आप इसे दीप प्रज्वलित कर दिपावली की तरह मना सकते हैं ,या फिर अबीर -गुलाल उड़ा कर होली के रूप में या गले मिलकर ईद के रूप में मना सकते हैं। कोई भी त्यौहार है तो वो खुशियों का ही प्रतीक होता है और स्वतंत्रता दिवस से बड़ी खुशी कोई हो ही नहीं सकती है।
हजारों कुर्बानियों के बाद और सैंकड़ो वर्षो के संघर्ष के बाद ये आजादी हमे प्राप्त हुई थी।हम सभी का कर्त्तव्य है की एक सच्चे भारतीय नागरिक के रूप में इसे न केवल हर्षोउल्लाश के साथ मनाये बल्कि एकता की एक ऐसी मिसाल पेश करें हमारी स्वतंत्रता की तरफ किसी भी बाहरी मुल्क को बुरी नजर से देखने के पहले सौ बार सोचना पड़े ,साथ ही जो जिस जगह जिस ड्यूटी में है उसमे अपना १००%देने की कोशिश करे जिससे हमारा मुल्क विश्व में अग्रणी भूमिका निभाए।
आज जितने भी सरकारी कार्यालय हैं वहां प्रातः ८ बजे झंडारोहण का कार्यक्रम होता है ,किन्तु प्रायः यह देखने को मिलता है की जहाँ १५० से २०० स्टाफ होता है वहां भी उपस्थिति मात्र ३० से ४० कर्मचारियों की होती है ,जो किसी भी दशा में उचित नहीं कहा जा सकता है ,इसे कर्मचारीगण राष्ट्रीय अवकाश के रूप में लेने लगे हैं। क्या हम सभी राष्ट्रीय पर्व के लिए अपना समय सहर्ष नहीं दे सकते ,क्या हर चीज़ के लिए कानून की आवश्यकता पड़ेगी? राष्ट्रीय पर्व पर उपस्थित होने में हमे गर्व महसूस होना चाहिए। हमे इसपर खुद विचार करना होगा की हम सही कर रहें हैं या गलत। आप राष्ट्रीय पर्व पर यदि उपस्थित नहीं हो सकते तो दूसरों को कैसे प्रेरित कर सकते हैं ?क्यूंकि मेरा मानना है कि सरकारी कर्मचारियों कि जिम्मेदारी एक आम नागरिक से ज्यादा है ये समाज में एक नजीर पेश कर सकते हैं। साथ ही आज के दिन हर कर्मचारी और अधिकारी को ये शपथ अपने राष्ट्रीय ध्वज के सामने लेना चाहिए कि हम सौंपे गए दायित्वों को इस प्रकार से निर्वहन करेंगे कि हर व्यक्ति जो उनके पास अपने कार्य के लिए आता है वह न केवल मुस्कुराता हुआ जाये बल्कि दिल से दुआ भी दे। स्वतंत्रता दिवस मनाने का मूल मकसद यही होना चाहिए ,केवल बड़ी-बड़ी बातें बोल देने से कुछ नहीं होता। आज के दिन हम सभी को ये भी शपथ लेना चाहिए कि भ्रष्टाचार को जड़ से मिटायेंगे क्यूंकि ये एक ऐसा रोग की तरह तेजी से फ़ैल रहा है जो समाज के लिए कतई हितकर नहीं है। ये हमारे भोली-भली जनता के मुस्कुराहटों को भी कम कर देता है। आजादी मनाने का मूल मकसद यही होना चाहिए कि हमारी एकता और अखंडता को कहीं से आंच न आये। हम सभी राष्ट्रभक्त हैं और जब तक जीवन है रहेंगे।
आज वही गीत गुनगुनाने का मन करता है ''मेरा रंग दे बसंती चोला -----''
आइये हम सभी तिरंगे के सामने इतनी ताकत के साथ जय हिन्द बोलें कि सारा विश्व गूंज जाये।
जय हिन्द



जय हिंद जय भारत
जवाब देंहटाएंjai hind
हटाएंइस दिन मेरी यही कामना है कि देश में भाईचारा बढे और भेदभाव समाप्त हो
जवाब देंहटाएंbilkul sahi
हटाएंबहुत अच्छा
जवाब देंहटाएंdhanyavaad
हटाएंआपकी ढोंगी बाबा वाली पोस्ट पढ़ी थी अछि थी मगर असली मुद्दा ड्ढोंगी पंडितो का है जो असली लुटेरे है हर एक परिवार को धर्म पूजा के नाम पर बेवकूफ बना के लूट रहे है।
जवाब देंहटाएंlikhney k prayas karunga
हटाएंसत्य वचन हम इसके खिलाफ आवाज उठा रहे है जो फैमिली डॉक्टर की तरह फैमिली पंडित का चलन बन रहा है उसे रोकना होगा वरना ये धर्म का उपहास और हर तरह से होने वाली क्षति से बचना मुश्किल होगा
जवाब देंहटाएंमैं भी पडिंत के चक्कर में फस चुका हूँ उसने मुझे नाना प्रकार के उपाय बताऐ जिनसे मुझे कुछ प्राप्त नहीं हुआ यहाँ तक की उसने मुझसे टोना टटका करने को भी कहा कहता था रात को अपने नीचे ये रख कर सोया करो ये करो वो करो इन सबसे कोई फायदा होना तो दूर मेरा नुकसान ही होता चला गया मेरे परिवार ने मुझे बहुत समझाया पर मैंने एक न सुनी आज परिणाम मैं भुगत ही रहा हूँ। मेरा सबसे निवेदन है कि किसी भी तरह के पडिंतों के चक्कर में न पड़े ��
हटाएंaap logon k kathan sahi hai
हटाएंरघुवीर नाथ श्रीवास्तव
जवाब देंहटाएंऋतु जी को पूरा समर्थन मैं भी शिकार हुआ हूँ मेरे सो कॉल्ड शुभ चिंतक पंडित ने मेरे से पूजा के नाम पे बहुत पैसे लूटे और सबसे अपनी बैंक में FD बनाके अपनी दौलत बढ़ायी मेरी लूटी
मैं तोह ऋतु जी के छत्र छाया में आ गया और अब सिर्फ ऊपर वाले ईश्वर पर आस्था है सबको मधुर भाषा से प्यार से व्यवहार करता मेरा परिवार और में दोनों अब खुश है और ये लड़ाई हमारी हैट ब्लॉग पे पहुंचेगी।
जय हिंद
Nyc post
जवाब देंहटाएंthanks
हटाएंजब स्वयं भगवान श्रीकृष्ण के चुके है कि आपको सिर्फ दिल से याद करना है आपके अंदर हु में फिर हम क्यों किसी धौंग्यो के चक्कर मे भगवान को धोखा दे रहे है, और अपने ईश्वर को ही नाराज कर रहे है।
जवाब देंहटाएंनित्यम राजपूत
जवाब देंहटाएंऋतु जी के अभियान ने कितनों को बचाया है,
में एक व्यापारी हु उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले से हूँ , मुझे व्यापार में हानि हुई मेरे वाले ने मुझे बस पूजा के नाम पे कंगाल कर दिया और कहत रहा दूसरे सही हो गये फर्जी कहानियां वो चाहते ही नही हम उनके चंगुल से छूटे ताकि हम उनकी मासिक आय बने रहें।
धन्यवाद ऋतु जी मेरी बुद्धि जाग्रत करने के लिए।
hum aap logon se sahmat hun
हटाएंअवतार नारायण
जवाब देंहटाएंअसली आज़ादी इन झूठ के लोगो से आज़ाद होने पे है। वन्देमातरम।
bandey matram
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