"HOHALLA SAHIBVA"
हमरे पड़ोस में ईगो रामेशर रहत हैं जेका लोग रमेशरा रमेशरा बोलावत हैं गांव-शहर में कउनो घटना घटजात तो बहुत हल्ला मचावत है एहि लिए ओका नाम होहल्ला सहेबवा पड़ गवा ओका बहुत खास दोस्त पड़ोस में रहे वाला हनुआ है जो कउनो बात पर गँनवा के पैरोडी बना के बहुते नाचत है और अपने लड़का छंगुआ से कहत है की डाल दे बेटा तो फेसबूकवा पर हमहुँ फेमस न हो जाई ,
एहि लिए ओका नमवा ढिंका चिका ढिंका चिका पड़ गवा दो दिन पहिलवा हनुआ रामेशर के घर पहुंचा और रामेशर का आवाज दिहिस रामेशर भी उतावला बैठा रहा तपाक से हनुआ के बुलाइश और अपने मेहरारू से कहिस की जरा अपने सुन्दर हथवा से कड़क चाय बनावा हो आज बहुते दिन बाद हनुआ आए है हो ,फिर दोनों बात में मसगूल हो गए ,हनुआ कहिस का हो अखबरवा पड़ा की नहीं अरे विकासवा मारा गए हो , तपाक से रामेशर बोले अरे यही तो पडत रहलीं हो ये ससुरा उज्जैनवा से मजे से चला कानपूर आवत -आवत का सरवा पर भूत चढ़ गवा क सार गाड़ियों पलट गवा पिस्टलों ले के भाग गवा और सार फिर मारा गवा ,एक बात तो कहब गड़िया के ड्राइवरवा बड़ा होशिआर रहा हो बड़ा सही ढंग से पलटा हो गाडीअ के ज्यादा नुकसान नई भाव ,हनुआ बोलिश अरे रामेशर एहि पर तो हमका एक गाना याद आ गौ हो
*****८ दिन में कई तरीके से पुलिस के नाच नचाइस हो बड़ा कमीना रहा पकड़े पर विकाश -विकाश चिलिश हो ढींकी चिका -----*****
रामेशर कहीं अरे हनुआ ये ससुर लगत है पुलिस वाले पोस्टरवा उज्जैन में नहीं चपकाएँ रहें का की ओका सार के चिलाइए पड़ा की हमहीं विकास दुबे हैं कानपूर वाला सर कानपुर के नाम भी डूबाई दिहिस सार अपन नाम बतावत कानपूर के नाम कहें बताइश ,अब मौका तो हमहुँ के मिलगवा ब हनुआ बहुत दिन से सार पेट में मरोर उठत रहा कउनो टपिकवा नहीं मिळत रहा की केपर होहल्ला मचाएं कोरोना पर कबतक चिल्लाई हो , हमहुँ लोगन जानत तो होइबा ही कौन लोगन के साथ मिलकर खूब होहल्ला मचावा ,15 मिनट में कैसे सब खेल हो गवा गड़िया भी पलट गवा भागे भी लगा और मार भी दिया गवा ,लेकिन आज हनुआ कुछ गंभीर हो गवा ओके आंखे में अजीब सी बात दिखाइए डेट रहा बोलै रामेशर कितना भी तू होहल्ला मचाला पर एक बात बतावा की का ओके कानपूर लाइके आरती उतारे के रहा जे अपने साथ कितने पोलिसवाले का नेतन का रबड़ी पूड़ी खिला दिए रहा उ ओके लिए जान लगा दिए होते उ उनलोगां के लिए पारसमणि रहा और बतावा तू रामायण पढ़ ला महाभारत पड़ला महाभारत में सत्य के जितावे के लिए ही न भगवान कृष्णजी ने भीष्म, कर्ण के दुर्योधन के अंत कराइन की नहीं पाप के अंत होए के चाही फिर तरीका चाहे जो हो जो होहललआ मचावत हैं ऐ लिए की हमउ का और उनका भी उ परिवार का दर्द का पता लगी हमरे घर के होतें तो पता लागत ओके लाइके कौन सी सचाईआ पता लगावे के रहा उतना तो उ रास्ते में बता दिहिस अगर आ जात तो ये कहतें की पूरी सरकार लग गइस कुछ नहीं करपावा ओके हीरो बनावे के रहा का विलेन रहा तो अंत भी वही होए के चाही हम तो कहत हैं की १०० टके का काम भवा अब तू खुद सोचा अगर भीष्म पितामह के शैय्या पर लेटे के बाद अइसहीं होहल्ला मचत तो असली महाभारत छोड़ के दुसरे सुरु हो जात और इतनी जांचे बैठ जात की उतने समैया में दुर्योधन आपन काम लगा देत अंत में रामेशर बोले कहत तो सही हवा पर काकारिन मज़बूरी है हमार नामों होहल्ला है खाना नहीं पचत है बिना होहल्ला मचाए एहि के कमाइ खात हैई हो चला अब आज से उ कमीने की बात नहीं करलजाइ तब तक चाय आ गवा और दोनों मुस्करा कर चाय पिए लगे ||



Bahut badhiya..khadi hindi mein likiye toh aur Acha rahega babu.
जवाब देंहटाएंdhanyavaad
हटाएंबहुतन ही अच्छा लेख है जल्द बिसरेगा नाही
जवाब देंहटाएंthanks
हटाएंवाह बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंDhinka chika ��
जवाब देंहटाएंdhanyavaad
हटाएंKya baat guru...chaa gayeee
जवाब देंहटाएंdhanyavaad b ho
हटाएंआप का लेख अच्छा लगा खड़ी हिंदी में लिखे तो और भी अच्छा होगा।
जवाब देंहटाएंsujhav ke liye dhanyavaad
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जवाब देंहटाएंबहुत ही कम पोस्ट है कम से कम 100 पोस्ट करिये इस ब्लॉग की दुनिया मे आगे बढ़ने के लिए ���� अच्छा लिखते है।
utshah badaney ke liye dhanyavaad
हटाएंबहुते अच्छा लागल एक दम सांच।
जवाब देंहटाएंdhanyavaad b
जवाब देंहटाएंबहुत ही सधे हुय शब्दों में खूब लिखा है, कृपया शुद्ध हिंदी में लिखे तो उत्तम हो।
जवाब देंहटाएंsujhav ke liye dhanyavaad
हटाएंअद्भुत लेख सर जी
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