हिंदी दिवस


हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है ,हिंदी पुराणी बोल-चाल की संस्कृत से निकली है कुछ लोगों का मत है कि हिंदी की उत्पत्ति अपभ्रंश भाषाओँ से है ,हम आज इनसब मूल चीजों में न जाकर इतना समझें की ये हमारी राष्ट्रीय भाषा है ,बहुत ही जद्दोजेहद के व्बाद २६ जनवरी १९६५ को यह देश की राजभाषा बानी। हिंदी के राष्ट्रभाषा बनने से तभी फर्क पड़ता है जब हमारे दिलो दिमाग में हिंदी बादसे ,आज भी हम इंग्लिश बोलने वालों के सामने अपने को हीन समझते हैं ,यदि कोई फर्राटेदार इंग्लिश बोल रहा है तो ऐसे अचम्भे से देखेंगे और अपने अंदर एक अपराधबोध सा महशुस करेंगे ,हिंदी दिवस पर एक दूसरे को शुभकामना देकर दो-चार हिंदी के शब्द लिखकर हिंदी दिवस की इतिश्री कर लेंगे ,जहाँ आज भी इंग्लिश बोलना गर्व समझा जाता हो वहां हिंदी दिवस का क्या मतलब?

                               आज हमे गर्व से कहना ही नहीं होगा की हम हिंदी बोलते हैं इसमे हमे गर्व है ,बल्कि हिंदी को कार्यालयों में न्यायालयों में अपने रोजमर्रा के कार्यों में बिना झिजक अपनाना होगा ,तभी हिंदी दिवस की सार्थकता सिद्ध होगी।  

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