मुस्कुराइए की हम स्वस्थ हो रहे हैं !

सभी तरफ कोरोना का शोर है कोई कह रहा है की हम डरे हुए हैं कोई कह रहा है सरकारी अस्पतालों में इलाज की मुक्कमल व्यवस्था नहीं है ,कही ऑक्सीज़न की कमी कहीं वेंटिलेटर की कमी बताई जा रही है,कहीं खान-पान की व्यवस्था का रोना रोया जा रहा है ,कहीं ग्रामो में इसके लिए ख़रीदे गए उपकरणों के घोटाले की चर्चा है ,कहीं स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही की चर्चा होती है ,लेकिन इन सबके बीच मुस्कुराना चाहिए की हम स्वस्थ्य हो रहे है बीमार होने से ज्यादा स्वस्थ्य होने की संख्या  है ,अब इससे बड़ी वजह क्या चाहिए मुस्कुराने के लिए।ये मत सोचिये की आबादी के अनुपात में कितना परीक्षण हो रहा है ,मरीज कितने बढ़ रहे हैं या फिर कितने मर रहे हैं ,मुस्कुराने की वजह ढूंढिए की मृत्युदर  कितनी कम है,स्वस्थ होने की दर कितनी ज्यादा है इसपर तो सेलिब्रेशन हो सकता है अगर नहीं हो रहा है तो मुस्कुरा तो सकते हैं की बड़ी बेहतरीन व्यवस्था है। अब इतनी बड़ी आबादी में कुछ तो महामारी के शिकार होंगे ही ,यदि नहीं होते तो ये भी आरोप लग सकता था की झूठे आंकड़े दिए जा रहे हैं कोई मर नहीं रहा ।लगभग एक करोड़ बीस लाख की आबादी में मृत्यु प्रतिशत एक से भी कम है तो फिर ऐसे सोचिये न की ९९%लोगों की जान अभी सुरक्षित है ,उल्टा क्यों सोचते हैं यही कारण है की आप मुसकरा नहीं पाते हैं।हमेशा सकारत्मक सोच रखनी चाहिए तभी आप मुस्कुरा सकते हैं। 



                            सुना है कि छत्तीसगढ़ और सिक्किम जैसे प्रदेश में लाकडाउन घोषित किया गया है,अब क्या सोच कर किया गया है ये मैं तो नहीं बता सकता क्यूंकि अपने यहाँ स्वस्थ होने कि संख्या ज्यादा है मृत्यु दर भी कम है। सबसे बड़ी वजह तो मुस्कुराने कि यही  है कि हमे  कहीं भी आने-जाने कि पूरी छूट है,वैसे तो बीमार पड़ेंगे नहीं यदि पड़ते भी हैं तो घर में पड़े रहने कि छूट ,काढ़ा पीजिये योग करिये ,अस्पताल जाने से बचे ,स्वस्थ रहेंगे। बिना लाकडाउन के हम कितनी तेजी से स्वस्थ हो रहें हैं काबिले तारीफ़ बात है और हम मुस्कुरा नहीं रहे हैं ये गलत बात है।मैं तो रोज सुबह अखबार पड़ता हूँ तो मुस्कुराने की वजह मिल जाती है,जब पड़ता हूँ की स्वस्थ होने की संख्या ज्यादा है ,कुछ परेशान होता हूँ तो चैनल खोल लेता हूँ उसमे ड्रग्स की खबरे सुन और देख लेता हूँ तो मन शांत हो जाता है और चेहरे पर मुस्कराहट आ जाती है |  


                               हो सकता है कि आपलोग हमारा ये लेख पढ़कर मुझे भला -बुरा कहें ,गाली दें ,पर मुझे फर्क नहीं पड़ता क्यूंकि मैं तो मुस्कुरा रहा हूँ ,मेरे पास वजह है ,मेरी हर स्थिति में सुधार हो रहा है मेरे चारोओर वातावरण बदल रहा है कुछ्लोगों को रास नहीं आ रहा है इसीलिए न तो खुद मुस्कुरा रहें हैं और न किसी को मुस्कुराने दे रहे हैं ,अपना राग अलापे जा रहे हैं ,मुझे ये कत्तई पसंद नहीं आ रहा है।देश बदल रहा हम बदल रहे बड़ी तेजी से प्रगति के मार्ग पर बढ़ते चले जा रहें हैं इसलिए मैं तो मुस्कुरा रहा हूँ ,मेरी सलाह मानिये आप भी मुस्कुराइए।       

                              मेरी एक सलाह जरूर मानिये  इसे सीरियसली लीजिये कि मास्क लगाइये और दोगज कि दूरी बनाइये,भीड़ से परहेज रखिये ,अपने सभी परिवार के सदस्यों का ख्याल रखिये ,देशी उपाय जो पुख्ता और इस्तेमाल किया हो उसे ही इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए लें थोड़ा बहुत एक्सरसाइज अवश्य करिये।सकारात्मक सोच रखिये यही काम आएगा।  

                                      जय हिंद -जय भारत -जय राष्ट्र परिवार।।    

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