सिद्धिविनायक विघ्नहर्ता गणेश-चतुर्थी - गणपति बप्पा मोरया

पौराणिक मान्यता के अनुसार भाद्र मास के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी को भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र के रूप में गणेश जी का जन्म हुआ था इसलिए आज के दिन से इनके जन्मोत्सव का शुभारम्भ होता है और दस दिन चलता है। यह पौराणिक मान्यता है की इन्हे सबसे पूज्य और मंगलकारी माना जाता है , इसीलिए इन्हे प्रथम पूज्य भी कहते हैं। यही कारण है कि प्रत्येक मंगलकारी कार्य का शुभारम्भ ही भगवान गणेश की पूजा से होता है। इनके कई नाम है ,जिसमे से एक विघ्नविनाशक सबसे अधिक प्रचलित है ,आज के दिन इनको घर-घर स्थापित किया जाता है और दसवें दिन बड़े धूम-धाम से इनका विसर्जन किया जाता है। इन्हे मंगलकारी,कल्याणकारी,बाधाओं को दूर करने वाला माना जाता है ,इसलिए हर शुभ काम के पहले इन्हे आराध्य के रूप में पूजा जाता है। इन्हे मोदक सबसे अधिक पसंद है ,ऐसी मान्यता है इसलिए इनको लड्डू का प्रसाद चढ़ाया जाता है। 


                          आज के इस वैश्यविक महामारी और आर्थिक मंदी के दौर में इनका महत्व सबसे अधिक बढ़ जाता है ,आज हर व्यक्ति कोरोना के भय के साये में जी रहा है ,देश की अधिकांश जनता के सम्मुख इस महामारी के कारण आर्थिक कठिनाई उत्पन्न हो गयी है। इस महामारी के बीच ही उन्हें इससे लड़ते हुए और इसका सामना करते हुए अपने परिवार को पालना है और जीवन की गाड़ी को आगे बढ़ाना है। जिस तरह से रोज आंकड़े बढ़ रहे हैं और कोई अभी तो गिरावट नहीं आयी है ,इसे देखकर आम आदमी भयाक्रांत हो जाता है। इसमे इलाज की भी अच्छी व्यवस्था नहीं है ,ऐसी स्थित में विघ्नविनाशक के रूप भगवान् गणेश जी का महत्व और बढ़ जाता है। आज के दिन यह व्रत लेने की जरुरत है की जो समाज में सक्षम लोग हैं वो जो इस महामारी में जीवकोपार्जन की समस्या झेल रहें है ,ऐसे लोगों को मदद के लिए आगे आएं और दिल खोलकर मदद करें। साथ ही यह सन्देश भी दें की बाहर निकलना जरुरी है तो मास्क पहनना और दूरी बनना भी जरुरी है।आज भगवान गणेश जी की जहाँ सच्चे मन से ये आराधना करना जरुरी है की आज विघ्न ,बाधा जो व्याप्त है वो दूर हो वहीँ यह भी आवश्यक है की यह प्रण लिया जाये की हर व्यक्ति जो कर सकता है वो कम से कम पांच मजबूर व्यक्तिओं की मदद अवश्य करेगा यही सच्चे माने में आज भगवान गणेश की पूजा होगी केवल परंपरागत रूप में मना लेना सही पूजा नहीं होगी आज उनके नाम को चरितार्थ करने की आवश्यकता है ,केवल घर में ही पूजा करलेना बड़ी बात नहीं होगी यदि आप कुछ कमजोर व्यक्तियों के चेहरे पर मुस्कान ला देंगे तो आपकी पूजा सार्थक हो जाएगी। 

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