कोरोना - वैक्सीन -पार्ट -२ - समझाविश बाबू

 कोरोना दिन-प्रतिदिन तेज रफ़्तार से लोगों को अपने गिरफ्त में ले रही है ,रोज समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों पर इसकी संख्या बताई जाती है तो एक प्रकार से सिहरन छूट जाती है ,जिस किसी को ये अपनी चपेट में लेता है तो अव्यवस्था के कारण मानसिक रूप से पहले ही वह डिप्रेस हो जाता है।

          

रूस ने वैक्सीन बना लेने का दावा किया है ,उम्मीद है की ये बिलकुल सच हो ,लेकिन हम लोग तो चाहते हैं कि हमारे देश से ये अच्छी खबर आये ,क्यूंकि यहाँ यदि वैक्सीन विकसित होता है तो यहाँ के लोगों को त्वरित लाभ मिलना शुरू हो जायेगा। 

यहाँ विकसित होना बहुत ही आवश्यक होगा क्यूंकि यहाँ ही सबसे अधिक स्वास्थय विभाग में इलाज की अव्यवस्था सुनने और पड़ने को मिलता है। एक बात और उल्लेखनीय हैं कि इसी मध्य कई परीक्षाएं भी आयोजित होने वाली है बीएड की परीक्षाएं हो भी चुकी है ,लेकिन सोशल डिस्टन्सिंग का  पालन  परीक्षाओं में कराना एक बहुत बड़ी समस्या है ,इसलिए जो भी परीक्षाएं कराई जाये वो तभी सुनिश्चित की जाये जब पूर्णयता यह इत्मीनान हो जाये की पालन हो जायेगा। क्यूंकि कोरोना के खतरे को इग्नोर कर कुछ भी कराना उचित नहीं होगा। 

                  हम सभी को बेसब्री से इन्तजार होगा अपने देश में वैक्सीन विक्षित होने का। 

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