कोरोना - वैक्सीन का बेसब्री से इन्तजार ! - समझाविश बाबू
सम्पूर्ण विश्व में कोरोना की विभीषिका लगातार बढ़ती जा रही है ,विश्व में यह आंकड़ा दो करोड़ के पार जा रहा है ,अपने देश में भी २२ लाख के पार हो रहा हैं। अर्थात् इसकी विभीषका लगातार बढ़ती जा रही है , संसाधनों और सुविधावों का टोटा अलग से है इसके बारे में ज्यादा कहने का कोई फर्क कहीं पड़ना नहीं है। अब तो कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इन्तजार है। अपना देश ,अमेरिका ,रूस और तुर्की भी दावा कर रहें हैं , इसके आने से ही जो हमलोग बाहर डर-डर के निकल रहे हैं और पता भी नहीं रह पाता है कि कौन कोरोना मरीज है या नहीं है क्यों क़ि इतने संसाधन नहीं है की द्रुत गति से परिक्षण किया जा सके।
सरकारी हॉस्पिटलों में और अन्य जगह भी बेड का टोटा है। इसी कारण होम आइसोलेशन क़ि प्रक्रिया भी अपनानी पड़ी है ,लेकिन इसमे सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह हैकि घर में अलग से कमरा व बाथरूम क़ि व्यवस्था हो ,जो हर घर में संभव नहीं है। वेंटिलेटर क़ि कमी को तत्काल दूर करने क़ि आवश्यकता है शासन प्रयास कर रहा है लेकिन उनको इस बात क़ि मॉनिटरिंग करनी पड़ेगी क़ि जल्द से जल्द इसकी खरीदारी हो जाये और ये लाल फीताशाही का शिकार न हो पाए। इसीलिए इन सब परिस्थितिओं को देखते हुए वैक्सीन का बहुत ही बेसब्री से इन्तजार है ,दिल यही कहना चाहता है कि ''हद हो चुकी है आ जा ,देर न हो जाये आ जा''। ये बिलकुल लगभग सही है की मरीज मन से मजबूत नहीं हो पा रहा है की उसका ईलाज सही ढंग से सरकारी हॉस्पिटल में हो जायेगा।
इस कोरोना से बहुत कुछ सीखने की भी जरुरत है ,सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग क़ि ओवरहालिंग करने क़ि जरुरत है और ऐसी रोजगार व्यवस्था उत्पन्न करने क़ि जरुरत है जो क़ि वैश्विक महामारी के समय जीविका को प्रभावित न करे। शिक्षा और स्वास्थ्य पर न केवल विशेष ध्यान देने क़ि जरुरत है कि बल्कि इसकी सही ढंग से मॉनिटरिंग करने क़ि आवश्यकता है क्यूंकि स्वास्थ्य विभाग को देखना बहुत जरुरी है। अंत में मेरी सच्चे मन से ईश्वर,अल्लाह ,गुरु ग्रन्थ साहिब से ह्रदय से प्रार्थना है क़ि जल्द से जल्द कोरोना वैक्सीन बाजार में आ जाये और हमारे विश्व परिवार के किसी सदस्य को अपना जीवन न खोना पड़े। साथ ही हमारे देश के बड़े उद्योगपतिओं और बॉलीवुड के बड़े कलाकार बड़े-बड़े हॉस्पिटल सुविधाओं से संपन्न बनवाएं जहाँ गरीब का भी इलाज हो सके तो हमारे देश के हित में होगा।क्यूंकि ये कोई उत्साहवर्धक नहीं है की मृत्यु दर कम है ,हो तो रही ही है ,जो हमारे और सबके लिए चिंता की विषय है।



Ab to bs isi ka intzaar hai
जवाब देंहटाएंsahi kah rahen hain
हटाएंsuch hai
हटाएंMujhe b isi ka intzaar hai
जवाब देंहटाएंyes
हटाएंbilkul sahi
जवाब देंहटाएंji,thanks
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