ढोंगी बाबा - समाज को आइना दिखाता लेख - समझाविश बाबू

मेरे देश में कुछ ऐसे शॉर्टकट रास्ता बन गए हैं जिससे बहुत जल्द और बिना अथक परिश्रम के एक साम्राज्य स्थापित करना आसान होता है ,आज इनमे से पहले अभी केवल एक पर बात करते हैं वो है ''ढोंगी और फरेबी बाबा '। ढोंगी के साथ फरेबी शब्द जोड़ने का मकसद है की ऐसे बाबा अपने ढोंग में भोली-भाली जनता को फंसा कर अपना उल्लू सीधा करते हैं, दुःख तो तब होता हैकि जब अच्छे खासे पढ़े लोग भी इनके मायाजाल में फंस कर अपना बहुत कुछ बहुत बड़ा कुछ पाने की आशा में गँवा देते हैं की कुछ चमत्कार बाबा करेंगे और एकाएक वो उछल कर बहुत बड़ी उपलब्धि पा लेंगे जब की ऐसा कुछ नहीं होता और सब कुछ गवाने के बाद रिजल्ट जीरो निकलता हैं । फिर भी इनका साहस उन ढोंगी बाबाओं का पोल खोलने का नहीं हो पाता है इनको लगता रहता है कहीं कोई अनिष्ट न कर दें, जब की असलियत में वो कुछ नहीं कर सकते है। 

एक तथाकथित बाबा का प्रवचन मैं टी वी पर सुन रहा  था जो किसी की समस्या सुनने के बाद आंखे बंदकर पुनः खोल कर कहते थे की आप बाजार गए थे वहां चाट का ठेला लगा था पानी बतासा खाने की इच्छा हुई थी ,भक्त ने कहा हाँ, फिर बाबा ने कहा वहीँ कृपा रुकी है ,कल जाना पानी बतासा खा लेना ,और दो-चार गरीबों को खिला देना। गरीबों को तो कुछ भी मदद करिये तो कुछ मिले या न मिले आत्मा को तो संतुष्टि मिलती ही है ,पर वहां से कौन सी कृपा रुकी है शायद बाबा की कृपा रुकी है ,जो बिना मेहनत के बैंक बैलेंस अपना तेज रफ़्तार से बढ़ाते जा रहें हैं ,उस पूंजी का क्या उपयोग हो रहा कुछ नहीं इस तरह के कमाए धन को भी अवैध माना जाया चाहिए और इसपर भी सरकार का हक़ होना चाहिये। 

एकबार मैं जिला कौशांबी में तैनात था फ़ोन पर शिकायत मिली की एक ग्राम में एक ढोंगी भ्रम फैला कर भोली जनता को बेवकूफ बना रहा है ,मैं जब सी ओ के साथ गया तो वहां का नजारा ही अलग था ,एक ढोंगी तेज-तेज से पता नहीं क्या बोले जा रहा था और ५०-१०० की जो भीड़ थी उसी में से ३-४ महिलाएं तेज-तेज से जमीन पर लोट रहीं थीं ,उस ढोंगी को बुलाने का प्रयास किया गया तो वो ऐसा प्रदर्शित करने लगा जैसे की सुन ही नहीं रहा हो ,बाद में शक्ति से उसका ड्रामा बंद कराके उस पर क़ानूनी कार्यवाही  की गयी। यहाँ उन भोली-भाली महिलाओं का कोई दोष नहीं था  क्यूंकि  ये ढोंगी इतने शातिर होते हैं कि वो अपने भ्रमजाल में वशीभूत कर लेते हैं ,पता नहीं जितने हम आधुनिक  होते जा रहें  हैं उतना कुछ चमत्कार की आशा में इन ढोंगियों के चक्कर में पड़ जाते हैं  ,एक और वाक्या  बताना  चाहूंगा जब मैं चित्रकूट में तैनात था तो वहीँ का रहने वाला एक तथाकथित ढोंगी बाबा जो अपना दिल्ली में मायाजाल  फैलाया  था वो चित्रकूट में एक मंदिर  बनवाया था ,जिसके पूजन  के बाद शाम  को एक भव्य आयोजन किया था जहाँ उसने  डी ऍम  साहेब  को भी बुलाया  था ,दिल्ली से कलाकार आये  थे कार्यक्रम के २०-३० दिन  के भीतर  ही समाचार  आया की दिल्ली में सेक्सरैकेट में पकड़ा गया। कुछ तो तथाकथित बाबा इतना रसूख पैदा कर लेते हैं की शासन सत्ता तक पहुँच बना लेते हैं। मेरे विचार से जो पड़े लिखे युवा हैं वो और समझदार बुजुर्ग तथा इनसे धोका खाये हुए व्यक्ति अपने आस-पास ऐसा माहौल बनाये की ये ढोंगी और फरेबी बाबा पनप ही न पाएं ,क्यूंकि समाज के ये सबसे बड़े दुश्मन हैं एक तरह के ये साइलेंट किलर हैं जो क्या करते हैं पता ही नहीं लग पाता इनको न पनपने देना हम सब की जिम्मेदारी है।  

                ये सही ऐसे ढोंगी बाबाओं में से कुछ जेल में हैं कुछ बेल पर हैं पर कुछ बाहर भी होंगे। इनके खिलाफ भी सशक्त कानून बने और इनकी जहाँ जगह हो वहां पहुँचाया जाये। हम सभी को कर्म पर विश्वास करना चाहिए। एक बात अच्छी तरह से जानना चाहिये की सच्चे मन से अपने इष्ट को या करना सच्ची भक्ति है ,ढकोसले से कोई प्रसन्न नहीं होता है। 
यहाँ ये याद रखिये की "सच्चाई छुप नहीं सकती बनावट के वसूलों से,की खुशबू आ नहीं सकती कभी भी कागज  के फूलों से "। 
                     मंजिल हो कितनी दूर रास्ते हो चाहे जितना कठिन 
                      पथ पर बढ़ते ही जाना है बढ़ते ही जाना है 
                      चाहे मुसीबतो का पहाड़ ही क्यों न आये
                      लड़ेंगे और बढ़ेंगे न झुकेंगे न डरेंगे 
                       अपने हौसले को न झुकने देंगे हम 
                       लड़कर बढ़कर मंजिल पाएंगे हम  
                       इन ढोंगी बाबाओं के चक्कर में न फंसेंगे हम 
                       ये जहाँ भी होंगे इन्हे बेनकाब करेंगे हम 
                       इनके मंसूबों को कभी न पनपने देंगे हम 

टिप्पणियाँ


  1. बाबाओं के सच तो सब उजागर कर चुके है, अब बारी है उन पण्डितो के सच को सामने लाने की जो हर किसी के जयोतिष भविष्य वक्त बनते है और बस हमें लूट ते हे।

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  2. सही कहा ऋतु जी आपने , मैं भी ऐसे ही पंडित का शिकार हुआ हूं जिसने मुझे बोला ये पूजा करो हवन करो ये धातु पहनो सब सही रहेगा
    अंत मे मुझे बस खराब सेहत मानसिक पीड़ाएँ ही मिली हैं उस पोंगा को धन लाभ जरूर हुआ। मेरे से लूट गया ।
    कृपया सिर्फ भगवान की पूजा करे हर किसी तरह के इन लोगों से बचे सब।

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  3. MERA WALA PANDIT TOH MERA NON VEG BAND KRA DIYA THA AUR KHUD TANDOORI CHICKEN KHA RHA THA

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  4. बहुत अच्छा लेख इन बाबा पौड़ितों ने तो लूट मच रखी है
    40 50 हजार पूजा के नाम मे लेके उड़ाते है और पीठ पीछे हमारी बेवकूफी पे हँसते है

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  5. अगर आप किसी बाबा पंडित की बातों में आकर उनपे विश्वास करते है कि वो आपके जीवन मे अच्छा करेंगे तो आप हंसी के पात्र है , ईश्वर को दिन में 1 बार ही बस दिल से याद कर लीजिए बहुत है आपकी सुनेगा बाबा पौड़ितों में पड़ेंगे तोह ईश्वर भी आपसे दूर हो जाएगा। जय श्री राम

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