कोरोना का विकराल रूप - समझाविश बाबू

कोरोना महामारी जुलाई माह पर  भारी  पड़  रहा है। रोज रिकॉर्ड टूट रहा है। लॉकडाउन ख़तम हो चुका  है। कुछ जिले उत्तर प्रदेश के दिन-प्रतिदिन मरीजों के नए रिकॉर्ड बना रहे हैं ,प्रयागराज ,बलिया,नोएडा,वाराणसी,बरेली,मुरादाबाद,गोरखपुर,आदि जिलों में मरीजों की संख्या रोज बड़ रही है,मरीज हॉस्पिटल के बदइंतजामी का शिकार हो रहें हैं और भाग भी रहें है।
                  

 लॉकडाउन न होने से काफी लोग इन जिलों में बिना मास्क के निकल रहें हैं हद तो तब हो जाती है जब कतिपय लोग मास्क गले में लटकाये रहते हैं ,पता नहीं ये कौन सा फैशन है,शोसल डिस्टन्सिंग का भी पालन नहीं हो पा रहा है,कई जगहों पर मसलन दुकानों,डॉक्टर की डिस्पेंसरी  में ,बाजारों में। हर व्यक्ति ऐसा लगता है कि बहुत जल्दी में है,पुलिस से संभव नहीं है कि प्रत्येक जगह पालन कराया जा सके ,वो भी चालान काटकर बस जिम्मेदारी निभा ले रहें हैं। ये माना कि आर्थिक,सामाजिक,गतिविधियां चलना जरुरी है लेकिन जो मरीज हैं और जो न जानकारी में अभी घूम रहे मरीज हैं एवं जो मौते हो रही हैं इसका भी ध्यान रखना जरुरी है  शनिवार और रविवार को जो लॉकडाउन घोषित किया गया है उसका पालन कड़ाई से होना चाहिए,न कि केवल का कागज पर रहे ,टोका-ताकि जरुरी है  देखने में मिलता है कि जिन्हे जरुरत नहीं है वो भी कार,मोटरसाइकिल ,स्कूटर,पैदल चले जा रहे है।क्या अब उचित समय नहीं है कि भले चाहे एक ही सप्ताह ही सही इन जिलों में सम्पूर्ण लॉकडाउन किया जाये ,उसका कड़ाई से पालन भी सुनिश्चित किया जाये। उस अवधि में प्रत्येक मुहल्लों में जितना ज्यादा से ज्यादा जाँच हो सके कराया जाये और यह सुनिश्चित किया जाय कि कौन होम आइसोलेशन के लिए पात्र है और कौन हॉस्पिटल के लिए ,जहाँ होम आइसोलेशन वालों कि निगरानी मोबाइल से की  जाये वहीँ हॉस्पिटल में जाने वालों कि देखभाल अच्छी  तरह से हो और उन्हे बदइंतजामी के कारण डिप्रेशन का शिकार न होना पड़े और वहां से भागने जैसी स्थिति न उत्पन्न हो। हॉस्पिटलों व कोविद सेंटरों कि स्थिति जानने के लिए बताकर उस जिले में जाने से क्या फ़ायदा ,वहां तो एक ही कहावत लागू होगी कि ''भइया आल इज वेल '। अगर देखना है तो अचानक जिम्मेदार अधिकारी या जनप्रतिनिधि को भेजा जाये,जब शासन धनराशि मुहैया करा रही है तो दुर्व्यवस्था क्यों हो रहा है ,यह सुनिश्चित करना पड़ेगा कि ये भी भ्रस्टाचार के भेंट न चढ़े ।ऐसे ही तमाम प्रदेशों के भी कई जिलें होंगे वहां भी यही व्यवस्था लागू करने कि जरुरत है कि नहीं?
       आप सभी से निवेदन है कि अपना सुझाव और इससे सहमत हैं कि नहीं अवश्य बताइयेगा|    

टिप्पणियाँ

  1. बिलकुल सख्त लॉक डाउन की जरूरत है इस समय

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  2. और इस कोरोना काल मे कोई एग्जाम न हो इसके खिलाफ भी आवाज उठाये

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  3. Sarkaar ko hamaari koi padi hi nahi hai lockdown ki zarurat hai lockdown lagna hi chahiye

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  4. सख्त लॉक डाउन कि मांग एक साथ होकर पूरा देशबकरें

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